Thursday 13 February 2014

अनोखी अनुभूति !!

ये अनुभूति  जिन्दगी  में एक बार एहसास करना चाहिए 
ये अनुभूति  जिन्दगी  में हमें अपनाना चाहिए 

एक बार हम इससे  आबाद हुए तो 
दिल की  विशालता बड़ जायेगी और 
दूध की  तरह शुद्ध और मृदुल हो जायेगी 
नफ़रत और शैतानियत का भाव मिट जायेगी 

फरिस्ते नाचने लगेगी चारों ओर
भूमि के इस अनोखी जन्नत में तैरने लगेगी 

प्रकृति की अनुभव करेगी 
चाहे वो बरसात कि नाच हो 
चाहे वो चांदिनी कि कोमलता हो 
चाहे वो मंत समीर कि मासूमियत हो 

ये एक ऐसी अनोखी रोग हे जो 
जिंदगी में आएगी जरूर ,कुछ देर हुआ तो भी 

अपने  आँखों में ख़ुशी का त्यौहार होगा 
अपने दृस्टी  में भी ख़ुशी का त्यौहार होगा 
इसके अनुभव से हम हानि का हाथ न बढ़ायेगी 
लेकिन स्नेह का हाथ बढ़ायेगी 

ये अनोखी रस हमको फैलाना चाहिए 
ये सबको अपनाना चाहिए जरूर 

ये अनुभूति लेकर पूरे संसार में  सुख-शांति का जाल बिछाएं 
वो जाल के अंदर हैम भी यार करें 
ये अनोखी अनुभूति बताये नहीं  सकती 
न लिखवा सकता , ये कविता में पूरा नहीं होता 

ये एक अनोखी अनुभव हे जो अनुभव से ही अनुभव कर सकता है !

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