Thursday 2 August 2012

मै भी बड़ा हो गया


कभी पहली बार स्कूल जाने में डर लगता था,
आज हर रास्ता खुद ही चुनता है 
कभी मम्मी-पापा की हर बात सच्ची लगती थी
आज उन्ही से झूठ बोलते है

कभी छोटी सी चोट कितना रुलाती थी 
आज दिल टूट जाता है फिर बी संभाल  जाते 
पहले दोस्त बस साथ खेलने तक याद रहते थे 
आज कुछ दोस्त जान से ज्यादा प्यारे लगते है 
एक दिन टेंशन का मीनिंग माँ से पूछना पड़ता था 
और आज टेंशन सोलमेट लगता है 

एक दिन था जब पल में लड़ना , पल में मनाना तो रोज़ का काम था 
आज एक बार जो जुदा हुए तो रिश्ते तक खो जाते है 
सची में , ज़िन्दगी ने बहुत कुछ सिखा दिया 
ना  जाने रब्ब ने हमको इतना जल्दी बड़ा क्यूँ बना दिया 

फिर आये तुम



ये हल्की हल्की बूँदें , फिर मेरे को छूने को आ गयी 
ये नाचती बहती हवाएं , ये मस्त फिज़ाएं 
तबी मेरे आँख खुला नही था, न सूरज उठा था 
लेकिन ऐहसास आ गयी , की तुम आ गयी 
मन को खींच लिया तेरी पायल की चम् चम् आवाज़ 
जो कानॊ में गूंजे और लगे बहुत खास 
और ले आई हे चेहक पंचियों की 
बंजर ज़मीन को सांस देती हुई 
ये बूँदें  जगाये दिल में चाहत 
ये बूँदें दे ज़िन्दगी को राहत 
आये जो ये मौसम सुहाना