Thursday 2 August 2012

मै भी बड़ा हो गया


कभी पहली बार स्कूल जाने में डर लगता था,
आज हर रास्ता खुद ही चुनता है 
कभी मम्मी-पापा की हर बात सच्ची लगती थी
आज उन्ही से झूठ बोलते है

कभी छोटी सी चोट कितना रुलाती थी 
आज दिल टूट जाता है फिर बी संभाल  जाते 
पहले दोस्त बस साथ खेलने तक याद रहते थे 
आज कुछ दोस्त जान से ज्यादा प्यारे लगते है 
एक दिन टेंशन का मीनिंग माँ से पूछना पड़ता था 
और आज टेंशन सोलमेट लगता है 

एक दिन था जब पल में लड़ना , पल में मनाना तो रोज़ का काम था 
आज एक बार जो जुदा हुए तो रिश्ते तक खो जाते है 
सची में , ज़िन्दगी ने बहुत कुछ सिखा दिया 
ना  जाने रब्ब ने हमको इतना जल्दी बड़ा क्यूँ बना दिया 

2 comments:

  1. Lovely :) Keep writing !!!
    As kids we wish to grow up asap and as adults we want to go back to being a kid ...the irony of life !!!

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