ये हल्की हल्की बूँदें , फिर मेरे को छूने को आ गयी
ये नाचती बहती हवाएं , ये मस्त फिज़ाएं
तबी मेरे आँख खुला नही था, न सूरज उठा था
लेकिन ऐहसास आ गयी , की तुम आ गयी
मन को खींच लिया तेरी पायल की चम् चम् आवाज़
जो कानॊ में गूंजे और लगे बहुत खास
और ले आई हे चेहक पंचियों की
बंजर ज़मीन को सांस देती हुई
ये बूँदें जगाये दिल में चाहत
ये बूँदें दे ज़िन्दगी को राहत
आये जो ये मौसम सुहाना
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