Tuesday 14 May 2013

मेरी अम्मा


mothers 1-01

मेरी नज़रों की पहली ख़ुशी तुम ही है अम्मा
मेरी पहली दुधिया मुस्कान तुमको देखके ही है अम्मा

तुम्हारी हाथ पकडके चलना सीखा है अम्मा
तुमने ही हाथ दिखाके दोड़ना सिखाया है अम्मा

शब्दों का पहचान भी तुम्हारी होंटों से ही है अम्मा
और वो पहली शब्द जो निकली मेरी जीब से वो तुम ही है अम्मा

हमरी गाँव की लावण्यता तुमने ही बताया है अम्मा
और ये पशु पक्षियों का पहचान भी तुमने ही किया है अम्मा

तुम्हारी पल्लू के कोने पकडके ही पहली कक्षा गयी है अम्मा
तुम्हारी धुअओ से आज इधर तक पहुंची है अम्मा

मेरी पहली दोस्ती और पहला प्यार तुम ही है अम्मा
सम्मान सहन शक्ति और क्षमा तुम से ही सीखी है अम्मा

संस्कार का सीख तुम से ही हुई है अम्मा
दुनिया की पहचान भी तुम्हारी आंखों से ही हुई है अम्मा

ये कविता जो लिखी है वो भी उसी प्यार की वजह से
मेरे जीवन का दीपक तुम ही है अम्मा
ममता का स्वरुप और मेरा संसार तुम ही है अम्मा

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